PM Jal Jivan Abhiyan in Hindi | प्रधानमंत्री जल जीवन अभियान

PM Jal Jivan Abhiyan in Hindi | प्रधानमंत्री जल जीवन अभियान | Jal Jivan Yojana | जल जीवन योजना | भू जल योजना

जल ही जीवन है ये कहावत तो आपने बहुत पहले से सुनी होगी। लेकिन अब केन्द्र की मोदी सरकार जल को हर लोगों तक पहुंचाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक्शन मोड में नजर आ रही है।

देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने जल क महत्ता, जल संरक्षण पर जोर दिया साथ ही पेयजल की सुरक्षा के लिए जल जीवन मिशन की नई योजना के बारे में बताया, यह मिशन जिसमें साढ़े तीन लाख करोड़ की लागत लगेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में आधे से अधिक घर ऐसे हैं जिनमें पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं है। उनके जीवन का बड़ा हिस्सा पानी लाने में खप जाता है। इस सरकार ने हर घर में जल, पीने का पानी लाने का संकल्प किया है। आने वाले दिनों में जल जीवन मिशन को लेकर हम आगे बढ़ेंगे। इसके लिए केंद्र और राज्य मिल कर साथ काम करेंगे। साढ़े तीन लाख करोड़ से भी ज़्यादा इस पर खर्च करने का संकल्प किया है।

PM Jal Jivan Abhiyan Highlights

जल जीवन मिशन प्रमुखताएँ

  • स्वच्छ पेयजल पहुंचाने और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए नया मंत्रालय जल शक्ति बना है।
  • गजेंद्र सिंह शेखावत को मंत्रालय का जिम्मा, 2024 तक पाइप लाइन से घर-घर पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
  • इससे पहले एनडीए सरकार में मोदी ने देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ-सफाई पर जोर दिया था।
  • प्रधानमंत्री नल से जल योजना के तहत 2024 तक देश के हर घर में पानी की पाइप लाइन और नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

पिछले साल आई नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 60 करोड़ भारतीय गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। स्वच्छ पेय जल नहीं मिलने से देश में हर साल 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। अनुमान है कि 2030 तक देश में पानी की मांग मौजूदा वक्त से दोगुनी हो जाएगी, अगर इसे पूरा नहीं किया गया तो इससे जीडीपी में 6% तक की गिरावट आ सकती है।

2030 तक देश में पानी की मांग दोगुनी हो जाएगी

पिछले साल आई नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 60 करोड़ भारतीय गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। स्वच्छ पेय जल नहीं मिलने से देश में हर साल 2 लाख लोगों की मौत हो जाती है। अनुमान है कि 2030 तक देश में पानी की मांग मौजूदा वक्त से दोगुनी हो जाएगी, अगर इसे पूरा नहीं किया गया तो इससे जीडीपी में 6% तक की गिरावट आ सकती है।

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