KGVY – PM Khadi Gramodyog Vikas Yojana in Hindi

Khadi Gramodyog Vikas Yojana

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KGVY (KHADI GRAMODHYOG VIKAS YOJANA) इस योजना के तहत एक नए आयाम ‘रोजगार युक्त गांव’ को जोड़ा गया है जिससे खादी क्षेत्र में उपक्रम आधारित परिचालन शुरू किया जा सकेगा। इससे हजारों नए बुनकरों को चालू और अगले वित्त वर्ष में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

खादी विकास योजना

“खादी” का अर्थ है कपास, रेशम या ऊन के हाथ कते सूत अथवा इनमें से दो या सभी प्रकार के सूतों के मिश्रण से भारत में हथकरघे पर बुना गया कोई भी वस्त्र।

“ग्रामोद्योग” का अर्थ है, ऐसा कोई भी उद्योग जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हो तथा जो विद्युत के उपयोग या बिना उपयोग के कोई माल तैयार करता हो या कोई सेवा प्रदान करता हो तथा जिसमें स्थायी पूँजी निवेश (संयंत्र तथा मशीनरी एवं भूमि भवन में) प्रति कारीगर या कर्मी पचास हजार रूपये से अधिक न हो। इस हेतु परिभाषित “ग्रामीण क्षेत्र में” समस्त राजस्व ग्राम तथा 20 हजार तक की आवादी वाले कस्बे सम्मिलित है।

खादी का विकास उत्तर प्रदेश जैसे आर्थिक दृष्टि से पिछड़े राज्य में औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश की 80 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या कृषि पर आधारित है जिसे अतिरिक्त रोजगार के साधन उपलब्ध कराने एवं उनकी आय में वृद्धि करने एवं उनके जीवन स्तर को उठाने के उद्देश्य से गांवों में उपलब्ध स्थानीय कच्चे माल व श्रम शक्ति का उपयोग करके ग्रामीण कारीगरों / मजदूरों को उनके गांवों में ही आय के अतिरिक्त साधन उपलब्धक राने का खादी एक मात्र साधन है।

खादी बोर्ड द्वारा पूर्व में यह योजना खादी और ग्रामोद्योग आयोगत था राज्य सरकार की सहायता से प्रारम्भ की गयी थी जिसके अन्तर्गत किसान चर्खा, सुदर्शन चर्खा एवं करघों के माध्यम से कताई व बुनाई का कार्य कतकर अपने घरों में किया जाता था। शनैः-शनैः तकनीकी रूप से विकसित न्यूमॉडल 6, 8, 12 तक ले तथा परिष्कृत लूम्स का प्रचलन हुआ, जिससे खादी वस्त्रों की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ।

वर्तमान में प्रदेश की पंजीकृत संस्थाओं / समितियों एवं व्यक्तिगत कारीगरों को राज्य सरकार एवं खादी ग्रामोद्योग आयोग से सहायता प्रदान कर खादी विकास योजना संचालित की जार ही है। यह योजना कम पूंजी लागत से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने का एक मात्र साधन है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को खादी ग्रामोद्योग विकास योजना को वित्त वर्ष 2019-20 तक जारी रखने की अनुमति दे दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया। इस योजना पर 2017-18 से 2019-20 की अवधि में कुल 2,800 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

इस योजना से हजारो नए कारीगरों को रोजगार के अवसर दिए जायेंगे। इस योजना में प्रत्येक गांव से लगभग 250 कारीगरों को प्रत्यक्ष रोजगार दिये जायेंगे तथा कारीगरों को चरखे, करघे आदि दिए जायेंगे। खादी ग्रामोद्योग विकास योजना  के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 2019-20 में मौजूद सब्सिडी के नेतृत्व वाले मॉडल को सम्पूर्ण रूप से बदल दिया जाएगा। इसके साथ ही खादी ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत एक नए आयाम “रोजगार युक्त गांव” को जोड़ा गया है। जिस के चलते खादी क्षेत्र में उपक्रम आधारित परिचालन शुरू भी किया जाएगा। Khadi Gramodyog Vikas Yojana 2019 को इस लिए शुरू किया गया ताकि इस योजना से देश के सभी नए बुनकरों को चालू और अगले वित्त वर्ष में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सके।

इस योजना के तहत एक नए आयाम ‘रोजगार युक्त गांव’ को जोड़ा गया है जिससे खादी क्षेत्र में उपक्रम आधारित परिचालन शुरू किया जा सकेगा। इससे हजारों नए बुनकरों को चालू और अगले वित्त वर्ष में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

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