गोल्ड या सोना हमारे देश में इसका एक अलग ही महत्व है। यह केवल महिलाओं के पहनने के नहीं बल्कि किसी मुसीबत की घड़ी में काम आने वाली वस्तु है। देश में कोई त्यौहार हो शादी हो या घर में किसी तरह का कोई समारोह, यही नहीं खेलों में भी गोल्ड मेडल को सबसे ऊपर का स्थान मिला है। यही कारण है कि देश में सोने का आयात भी बहुत अधिक होता है। इसी आयात को कम करने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (SOVEREIGN GOLD BOND SCHEME) की शुरूआत की गई थी।
इस योजना में सोने के ही बॉन्ड जारी किए जाते हैं, जो सोने की ही कीमत जितने होते हैं, लेकिन यह उससे सस्ते दामों पर ऑनलाइन माध्यम से खरीदे जा सकते हैं। इन गोल्ड बॉन्ड को ऑनलाइन खरीदने पर ग्राहक को प्रति ग्राम 50 रूपए डिस्काउंट दिया जाता है। यानी बाजार में गोल्ड का जो भी कीमत चल रही हो उस हर ग्राम पर 50 रूपए ग्राहक को कम अता करने होते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई है। इसमें कोई भी व्यक्ति महज 1 ग्राम सोने की कीमत से निवेश कर सकता है। इसके साथ ही समय आने पर सोने की कीमत पर इन्हे बेचा जा सकता है। Sovereign Gold Bond Scheme से जुड़े ऐसी बहुत सी खासियत और शर्ते हैं, जो निवेशक को निवेश करने से पहले जाननी जरूरी हैं, और यह सभी जानकारी हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से देंगे, स्कीम को पूरी तरह समझने के लिए और आवेदन करने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहें।
क्या है Sovereign Gold Bond Scheme
भारतीय बाजार में सोने का आयात अत्याधिक होता है जिसकी वजह से देश की कमाई बाहर निकल जाती है और उसका इस्तेमाल देश की जनता के लिए नहीं किया जाता। क्योंकि अक्सर लोग सोना खरीद कर घर में ही रख लेते हैं, जिसकी वजह से सरकारी खजाने को इसका कोई लाभ नहीं होता। इस गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत अब जो भी लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं, वह इस स्कीम का सहारा ले सकते हैं, इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा और ग्राहक को गोल्ड बॉन्ड खरीदने पर ब्याज भी मिलेगा इसके अलावा भी बहुत से लाभ होंगे।
Sovereign Gold Bond Scheme का ऐलान 2015-2016 में किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा उतारी गई इस योजना का उद्देश्य विदेशो से सोने के आयात पर खर्च होने वाले पैसे को देश में ही रोकना था। आंकड़ो की माने तो देश में करीब हर साल 300 टन सोने का आयात किया जाता है। अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के जरिए इस आयात में कमी आएगी। रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई तारीख के अनुसार 20 से 24 अप्रैल 2020 के बीच खरीदा जा सकता है। वंही बॉन्ड का वितरण 28 अप्रैल 2020 से शुरू हो जाएगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (SGB Scheme) में निवेश के लाभ
- इस योजना के तहत निवेश करने वालें निवेशक बॉन्ड या डिमेट अकाउंट दोनों में से कोई भी विक्लप चुन पाएंगे।
- बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे, बॉन्ड की सार्वभौमिक गारंटी होगी।
- एसजीबी में निवेश की गई रकम सोने के वजन पर आधारित होगी।
- निवेशक को इस योजना में निवेश की गई रकम पर सालाना5 प्रतिशत ब्याज प्राप्त होगा।
- इन बॉन्ड्स के जरिए लोन लेना संभव होगा। हालांकि लोन की रकम का अनुपात भरातीय रिजर्व बैंक समय समय पर जारी करता रहेगा।
- बॉन्ड्सको शेयर मार्केट के जरिए बेचा जा सकेगा, इसके कारण निवेशक जब चाहे तब बाजार से निवेश की गई रकम निकाल पाएगा
- बॉन्ड के रकम परिपक्व होने पर सारी रकम टैक्स रहित होगी
- सोनेकी बढ़ती कीमतों के साथ बॉन्ड की कीमत भी बढ़ती रहेगी
- एसजीबी के जरिए लोग महज सोने की एक ग्राम कीमत अता करके भी निवेश कर पाएंगे।
- इस स्कीम के जरिए गोल्ड बॉन्ड बाजार में सोने की कीमत के मुकाबले सस्ते दरों पर खरीद पाएंगे, जिनकी कीमत गोल्ड जीतनी ही होगी
- अगर मेच्योरिटी के समय गोल्ड की कीमत कम होन की वजह से कोई निवेश नहीं लेना चाहता तो उसे 3 साल तक के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना से जुड़ी शर्ते/नियम
- इस योजना में निवेश करने वाला व्यक्ति वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम तक के ही बॉन्ड खरीद पाएगा।
- वंही अगर एक परिवार के कई लोग इस एसजीबी में निवेश करते हैं तो वह कुल मिलाकर 4 किलोग्राम तक की सालाना गोल्ड बॉन्ड खरीदा जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई ट्रस्ट या संगठन इसमें निवेश करता है तो वह साल में अधिकतम 20 किलोग्राम तक ही गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।
- निवेश पर मिलने वाला ब्याज राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय बाजार के आधार पर तय होगा, जो परिवर्तशील हो सकता है।
- एसजीबी योजना में 5, 6,7 या 8 साल समय के लिए निवेश किया जा सकेगा.
- बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज दर सोने की ताजा कीमतो के आधार पर ही तय किया जाएगा।
- सोने की कीमत बढ़ने और घटने का जोखिम निवेशकों के ऊपर होगा। इन कीमतो को लेकर ग्राहक को जागरूक होना होगा।
मैच्योरिटी से पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को ट्रेड करने का नुकसान
अगर आप योजना के तहत निवेश करते हैं तो आपको इसमें से कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना होगा। ऐसे में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य होगा।
- 3 साल से पहले पैसा निकाला गया तो इसमे आपको जो भी फायदा हुआ है उस पर 0-30 प्रतिशत तक टैक्स भरना होगा। टैक्स इस बात पर तय करेगा कि आप आयकर के किस टैक्स स्लैब में आते हैं।
- अगर रकम 3 साल बाद निकाली गई तो इसे लबें निवेश के तौर पर देखा जाएगा। इसमे 0-20 प्रतिशत तक का टैक्स चुकाना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड प्राप्त करने के लिए के लिए पात्रता
- भारतीय नागरिक या भारतीय संगठन ही कर सकते हैं निवेश
- माइनर्स- इस बॉन्ड को नाबालिगों की ओर से माता-पिता या अभिभावक खरीद सकते हैं।
- पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21, Download Online Application Form to Apply
अगर आप एसजीबी योजना में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आप सरकारी एंव निजी बैंकों, भारतीय स्टॉक होल्डिंग निनम लिमिटेड और कुछ चुनिंदा डाकघरो तथा शेयर बाजार के माध्यम से इसे खरीद सकते हैं। इसके अलावा अगर आप एसजीबी में ऑनलाइन माध्यम से निवेश करना चाहते हैं तो आप बैंको की साइट पर जा कर आवेदन कर सकते हैं। यंहा जा कर एसजीबी योजना का चुनाव करना होगा और आपके सामने फॉर्म खुल जाएगा ,अब इस फॉर्म को भर कर किसी एसबीआई बैंक में जमा कराना होगा। अगर आप फॉर्म डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
Sovereign Gold Bond Scheme Form: DOWNLOAD HERE