Transparent Taxation Platform | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन क्या है | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्य प्रणाली | Honoring The Honest | Faceless Assessment | Faceless Appeal |Taxpayers Charter
The PM Modi introduced faceless income tax assessment to reduce the scope for corruption and overreach by officials. The PM said focus is on making the tax system people-centric and public friendly, “banking the unbanked, securing the unsecured, funding the unfunded and honouring the honest.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ईमानदार टैक्सपेयर्स के सम्मान में “’ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन, ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लैटफॉर्म को लॉन्च किया. इस प्लेटफॉर्म में Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter जैसे बड़े रिफॉर्म शामिल हैं. 13 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफार्म वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरंभ किया है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा फाइनेंस तथा कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्टर अनुराग सिंह ठाकुर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए बताया कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से फेसलेस एसेसमेंट, फेसेलेस अपील तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स होंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि फेसलेस एसेसमेंट तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर आज से आरंभ हो जायेगा तथा फैसलेस अपील की सुविधा दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन जो कि 25 सितंबर को है उस दिन से पूरे देश भर में लागू हो जाएगा।
Transparent Taxation Platform
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि पिछले 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों में लगभग ढाई करोड़ लोग बड़े हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि अब टैक्स पेअर को डरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह निडर होकर टैक्स भर सकेगा। इसका मतलब यह है कि आयकर विभाग टैक्स पेअर की डिग्निटी का ख्याल रखेगी तथा टैक्स पेअर की बात पर विश्वास करेगी तथा बिना किसी आधार के टेक्स्ट पेअर पर शक नहीं किया जाएगा।
सरकार ने Faceless Assessment और Taxpayers Charter आज से लागू कर दिया. जबकि Faceless appeal की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये फेयरनेस और फीयरलेसनेस का विश्वास देने वाला है.
क्या है ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्य प्रणाली?
इसी के साथ हाईकोर्ट ने 1 करोड़ रुपए तक की तथा सुप्रीम कोर्ट में दो करोड़ रुपए तक की केस की सीमा तय की गई है। जिसके माध्यम से यह प्रयास किया जाएगा कि केस कोर्ट के बाहर ही सुलझ जाए। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पैनलेस तथा फेसलैस बनाना है। जिसके माध्यम से टैक्स प्रणाली सिंपल हो पाएगी। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब भी घटाया है और प्रधानमंत्री जी ने यह भी बताया है कि हमारा देश दुनिया में सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।
Key Features of PM Modi Transparent Taxation Platform
आर्टिकल किसके बारे में है | पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन |
किस ने लांच की स्कीम | केंद्र सरकार |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
आर्टिकल का उद्देश्य | प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रणाली को आसान बनाना है। |
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स्कीम लॉन्च | 13 अगस्त, 2020 |
पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन के लाभ तथा विशेषताएं
- पीएम मोदी ट्रांसफर इन टैक्सेशन का आरंभ 13 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया है।
- इस प्लेटफार्म के माध्यम से फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म किए गए हैं।
- फेसलेस एसेसमेंट तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर 13 अगस्त 2020 से लागू किया जाएगा तथा फैसला अपील 25 सितंबर 2020 से लागू की जाएगी।
- इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली में सरलता लाई जाएगी।
- टैक्स प्रणाली को सीमलेस पेनलैस तथा फैसेलेस बनाया जाएगा।
- पीएम मोदी ट्रांसफर एंड टैक्सेशन के माध्यम से टैक्स की दरों में भी कमी आएगी।
- विवाद से विश्वास अधिनियम 2020 प्रस्तुत किया गया है जिसके अंतर्गत विवादों से निपटने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं। इसके माध्यम से विवादों का समाधान किया जाएगा।
- इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मोड को बढ़ावा दिया जाएगा।
- कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेट भी बढ़ाई गई है।
- इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। अब ₹500000 तक कोई टैक्स नहीं भरना होगा।
- भारत दुनिया में सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।
ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन का मुख्य उद्देश्य
नए रिफॉर्म से कम होगा सरकार का दखल: पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है. आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं. ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके अच्छे नतीजे देश देखने में आ रहे हैं.
टैक्स प्रणाली सीमलेस पेनलेस तथा फेसलेस
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि टेक्स्ट प्रणाली को सीमलेस, पैनलैस तथा फेसेलैस बनाया जाएगा। पेनलेस मतलब आयकर विभाग को टेक्स्ट पेअर की उलझन ओ को उलझाने के बजाय सुलझाने पर जोर देना होगा तथा कष्ट हीन मतलब टेक्नोलॉजी से लेकर नियमों तक सब कुछ आसान बनाया जाएगा।
आयकर प्रणाली को आसान बनाना
इस रिफॉर्म के माध्यम से आयकर प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। जिसमें कम से कम कानून होगा और जो कानून होगा वह स्पष्ट होगा और आसान होगा जिसे टैक्स पेअर आसानी से समझ पाएंगे।
ऑनरिंग द ऑनेस्ट
मोदी जी ने कहा कि पिछले 6 साल में सरकार का फोकस बैंकिंग द उंनबैक्ड पर, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड पर और फंडिंग द अनफंडेड पर रहा है। अब सरकार ने यह नई व्यवस्था आरंभ की है जिसे हम ऑनरिंग द ऑनेस्ट के नाम से जानेंगे। इस व्यवस्था के अंतर्गत ईमानदार टैक्सपेअर के लिए टैक्स प्रणाली को आसान किया जाएगा।
टैक्स कानून को सरल बनाने पर फोकस
इससे पहले, बुधवार को वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टैक्स रिफॉर्म टैक्स रेट में कमी करने और डायरेक्ट टैक्स कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा है. आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सीबीडीटी की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. हाल ही में शुरू की गई ‘दस्तावेज पहचान संख्या (DIN)’ के जरिए आधिकारिक कम्युनिकेशन में अधिक पारदर्शिता लाना भी इन उपायों में शामिल है. जिसके तहत विभाग के हर कम्युनिकेशन या पत्र-व्यवहार पर कंप्यूटर जेनरेटेड एक यूनिक डिन होता है.
इसी तरह, करदाताओं के लिए कम्प्लायंस को ज्यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म’ उपलब्ध करा रहा है, ताकि पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए कम्प्लायंस को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके. इसी तरह स्टार्टअप्स के लिए भी कंप्लायंस मानकों को सरल बना दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सीबीडीटी ‘टैक्सपेयर चार्टर’ लेकर आएगा. जिससे कर प्रशासन और करदाता के बीच भरोसा बढ़ेगा और विभाग की दक्षता बढ़ेगी. सीबीडीटी डायरेक्ट टैक्स के मामले पर निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है.
टैक्स देने में सक्षम लोग आगे आयेंगे
इस योजना के माध्यम से लोगों को टेक्स देने के लिए प्रोत्साहित करना है. वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी. वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है. यानी केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है. स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है.
पीएम ने कहा कि इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है. लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है. इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ लोग ही इनकम टैक्स जमा करते हैं.
कि जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी.
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